लखनऊ : नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में गुरुवार को लखनऊ सहित प्रदेश के अन्य जिलों में प्रदर्शन के उग्र होने के बाद से अब अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। लखनऊ सहित प्रदेश के १२ दर्जन जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है जबकि प्रदेश में ३१ जनवरी तक धारा १४४ लागू कर माहौल पर नियंत्रण करने का प्रयास जारी है। लखनऊ में भीड़ के हिंसक प्रदर्शन में गुरुवार देर रात एक व्यक्ति की मौत हो गई थी जबकि एडीजी जोन, आइजी रेंज, समेत ७० से अधिक पुलिसकर्मी घायल थे। इसके साथ ही लखनऊ व सम्भल में रोडवेज की चार बस, करीब एक दर्जन कार तथा पांच दर्जन दो पहिया वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में गुरुवार को समाजवादी पार्टी का प्रदर्शन उग्र हो गया था। देर शाम तक लखनऊ के साथ सम्भल, बरेली व गाजियाबाद में बवाल हो गया था। इसके बाद स्थिति नियंत्रित करने के लिए १२ जिलों में इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया। प्रयागराज में भी १९ दिसंबर देर शाम से लेकर २० दिसंबर सुबह १० बजे तक के लिए इंटरनेट सेवाएं स्थगित रहेंगी। इसके साथ ही लखनऊ, मऊ, वाराणसी, संभल सहित १२ जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। सरकार ने ३१ जनवरी तक धारा १४४ को लागू कर दिया है। प्रदेश सरकार ने सांप्रदायिक शांति और सद्भाव को बिगाड़ने के उद्देश्य से सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने वाले संदेशों से बचने के लिए यह कार्रवाई की है। सुरक्षा के कारण लखनऊ बुन्देलखंड और इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की परीक्षाएं भी अगले उतर कर विरोध-प्रदर्शन कर रहे आदेश तक रद कर दी गयी हैं। इन सभी गुरुवार को कई जगह प्रदर्शन के यूनिवर्सिटी में परीक्षाएं शुक्रवार से होनी पथराव व आगजनी की घटनाएं थीं। नागरिकता संशोधन कानून के लखनऊ के खदरा इलाके में पुलिस विरोध में पूरे उत्तर प्रदेश में राजनीतिक लोगों के बीच में जमकर झड़प हुई और गैर राजनीतिक संगठन सड़कों पर बाद में पथराव में बदल गया।
पूरे प्रदेश में ३१ जनवरी तक धारा १४४, लखनऊ समेत १२ जिलों में इंटरनेट बंद