अल्पसंख्यक शिवसेना के खिलाफ नहीं, भाजपा को सत्ता से बाहर चाहते थे: पवार

मुंबई : राकांप्रमुख शरद पवार ने की राजनीति में इस घटनाक्रम ने देश गुरुवार को कहा कि अल्पसंख्यक को एक राह दिखायी है. उन्होंने इस समुदायों के प्रतिनिधियों ने कहा था पहल के लिए अल्पसंख्यक समुदाय कि यदि उनकी पार्टी शिवसेना के की प्रशंसा की.पवार ने दावा किया कि साथ हाथ मिलाती है तो उन्हें कोई अल्पसंख्यकों, विशेष तौर पर मुस्लिमों आपत्ति नहीं होगी लेकिन भाजपा को ने राज्य चुनाव में भाजपा के लिए वोट महाराष्ट्र में सत्ता से दूर रखा जाना नहीं किया. उन्होंने कहा कि समुदाय के चाहिए. शिवसेना और भाजपा ने गत सदस्य जब कोई निर्णय करते हैं तो यह वर्ष अक्टूबर में विधानसभा चुनाव किसी पार्टी की हार सुनिश्चित करने के मिलकर लड़ा था लेकिन मुख्यमंत्री लिए होता है. उन्होंने कहा कि राकां ने का पद ढाई वर्ष बारी बारी से साझा करने पवार ने कहा कि शिवसेना के साथ इस पर जोर दिया था कि राज्य सरकार में के मुद्दे पर असहमति के चलते दोनों अलग संभावित तालमेल के बारे में महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मामलों का विभाग हो गई. उसके बाद शिवसेना, राकां और साथ ही उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली के कल्याणकारी कार्य करने के लिए उनकी कांग्रेस एकसाथ आयीं और काफी विचार लोगों से सलाह मांगी गई थी. पवार ने कहा पार्टी को दिया जाना चाहिए. राकां नेता ने विमर्श के बाद राज्य में सरकार बनायी. कि हमें अल्पसंख्यकों की ओर से कहा कहा कि नवाब मलिक राज्य के राकां के अल्पसंख्यक इकाई की ओर से गया कि यदि आप शिवसेना का साथ लेना अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री हैं. शिवसेना आयोजित एक कार्यक्रम में पवार ने इस चाहते हैं तो आप ऐसा कर सकते हैं लेकिन अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री के तौर बारे में उल्लेख करते हुए कहा कि (उस भाजपा को दूर रखिये. अल्पसंख्यकों ने पर शपथ गत वर्ष २८ नवम्बर को ली थी. समय) राज्य में तीन चार सप्ताह से उस कदम (शिवसेना को साथ लेने) का उन्होंने शुरू में छह मंत्रियों के साथ शपथ (शिवसेना-भाजपा द्वारा) सरकार गठन की स्वागत किया. ली थी और मंत्रिपरिषद का विकास ३० दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जा रहा था. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र दिसम्बर को किया गया.