सीएए, एनआरसी के खिलाफ वंचित बहुजन अघाड़ी का महाराष्ट्र बंद, मिला-जुला असर

मुंबई : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), देखने को मिली। बाजार और दुकानें भी खुली हैं हमने २४ जनवरी को महाराष्ट्र बंद का आवाह्न नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देशभर में एनआरसी और केंद्र की आर्थिक नीतियों के वहीं वाहनों का आवागमन भी सामान्य है। किया है। उन्होंने बताया, 'सीएए-एनआरसी के विरोध प्रदर्शन का दौर है, वहीं इसके समर्थन में भी खिलाफ प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व वाले वंचित काश आंबेडकर ने गुरुवार को पत्रकारों से अलावा अर्थव्यवस्था का मुद्दा उठाया जाना भी रैलियां निकाली जा रही हैं। इस कानून के तहत ३१ बहुजन अघाड़ी (बीबीए) ने महाराष्ट्र बंद बुलाया है। मुखातिब होते हुए बताया, 'आज की बैठक में जरूरी है। दिसंबर २०१४ को या इससे पहले पाकिस्तान, बंद का मिला-जुला असर देखने को मिल रहा है। हमने उन लोगों को आमंत्रित किया जिन्होंने सीएए इससे पहले प्रकाश आंबेडकर ने कहा था कि अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आए हिंदू, पुणे में सड़कों में हलचल सामान्य रही। स्कूल और और एनआरसी के खिलाफ महाराष्ट्र भर प्रदर्शन सीएए और एनआरसी का अनुसूचित जाति और सिख, जैन, पारसी, बौध और ईसाइयों शरणार्थियों कॉलेज खुले हैं तो स्टूडेंट्स की चहल-पहल भी किया। इस मुद्दे को लोगों के सामने उठाने के लिए जनजाति पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। बता दें कि को नागरिकता देने का प्रावधान है।